बिलासपुर
सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) की अव्यवस्था को पटरी में लाने का काम अब शासन स्तर पर किया जा रहा है। ऐसे में अस्पताल भवन और परिसर में लगातार कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। वही अब भर्ती मरीजों को ध्यान में रखकर सिम्स के गार्डन को संवारने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके तहत अब मरीज इस गार्डन में सुबह-शाम वाक करने के साथ ही दिन के किसी भी समय पर गार्डन में आकर चहलकदमी करते हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच खुशी का पल बिताते हुए अपना शारीरिक व मानसिक तनाव कम कर सकेंगे।
सिम्स की अव्यवस्था को पटरी में लाने की पहल हाईकोर्ट के द्वारा की गई है। वहां की खामियों को गिनाते हुए शासन के अधिकारियों को भी आड़े हाथ लिया गया। ऐसे में शासन के आला अधिकारियों ने सिम्स को संवारने के लिए खुद मोर्चा थाम लिया। इसी के तहत पूरे अस्पताल भवन को व्यवस्थित किया गया है। वार्ड, ओपीडी, एमआरडी के साथ पूरे अस्पताल भवन को व्यवस्थित किया गया है।
इसका फायदा अब पहुंचने वाले मरीजों को भी कुछ हद तक मिलने लगा है। यह व्यवस्था भी आला अधिकारियों को कम नजर आ रहा है, ऐसे में अन्य जरूरी बदलाव पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत मरीजों को सुविधा देने के लिए अब अस्त-व्यस्त हो चुके गार्डन की सुध ली जा रही है। कलेक्टर अवनीश शरण ने अपने निरीक्षण के दौरान गार्डन का हाल भी जाना था, जहां उन्होंने अस्त-व्यस्त गार्डन को लेकर नाराजगी भी जताई।
इसके बाद उन्होंने कहा कि यह गार्डन भी पूरी तरह से व्यवस्थित होना चाहिए। इसी के बाद अब गार्डन का कायापलट किया जा रहा है, ताकि भर्ती मरीज के साथ उनके स्वजन भी हरे-भरे वातावरण में सकुन के पल बिता सकें।
ऐसे हो रहा कायापलट
गार्डन का उन्नयन के साथ इसके सुंदरीकरण भी विशेष ध्यान दिए जा रहे है। गार्डन में दो फाउंटेन लगाया जा रहा है, जिसकी छठा को रंग-बिरंगे आकर्षक लाइट और भी बढ़ा देंगे। मरीजों की चहलकदमी के लिए पाथ-वे बनाया जा रहा है, जिसमे भी आकर्षक लाइटिंग की जाएगी। इसके साथ ही फुलदार और छायादार पौधे भी लगाए जा रहे है, जो निकट भविष्य में इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देंगे।
मरीजों को मिलेगी यह सुविधा
मरीजों के चहल कदमी के लिए लगभग 300 मीटर का वाक जोन बनाया जा रहा है। जिसमे मरीज सुबह-शाम वाक करेंगे। ऐसे मरीज जो चलने में सक्षम नहीं है, उनके लिए भी इस गार्डन में व्हीलचेयर की व्यवस्था रहेगी, ताकि मरीज के स्वजन उन्हें गार्डन का भ्रमण करा सकें, ऐसा करने से मरीज का दिल भी बहलेगा और उसे शारीरिक के साथ मानसिक शांति भी मिल सकेगा।