सही दिशा में सोयें

0

वास्तुशास्र के अनुसार जीवन में दिशाओं का बेहद महत्व है। अगर हम सही दिशा में नहीं रहते तो स्वास्थ्य के साथ ही हमें धन की हानि भी होती है और मान सम्मान भी कम होता है।
इन्सान के स्वास्थ्य का शयन कक्ष से सीधा संबंध है। हमारे धर्म ग्रंथों में सोने के कुछ नियम बताए गए हैं। इनका पालन करने से शरीर में कोई रोग नहीं होता, साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। मनुस्मृति में लिखा गया है कि सूने घर में अकेले नहीं सोना चाहिए। जहां बिल्कुल अंधेरा हो, वहां सोने से भी बचना चाहिए। साथ ही मंदिर और श्मशान में कभी नहीं सोना चाहिए। अच्छी सेहत के लिए सुबह जल्दी उठाना जरूरी है। कुछ लोगों की आदत होती है कि सोने से पहले पैर धोते हैं। यह अच्छा है, लेकिन भीगे पैर सोना धर्म ग्रंथों में शुभ नहीं माना गया है। बताते हैं कि सूखे पैर होने से घर में लक्ष्मी आती है।
पलंग या खाट टूटा हो तो उस पर न सोएं। खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर न जाएं। झूठे मुंह सोना अशुभ है। आप किस दिशा में  सोते हैं, यह भी बहुत अहम है। पूर्व की तरफ सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु, तथा दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है।
कई लोगों को दिन में सोने की आदत होती है। इसे तुरंत छोड़ दें। दिन में तथा सुर्योदय एवं सुर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है।
बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। दक्षिण दिशा में पांव रखकर कभी नहीं सोना चाहिए। इस तरफ यम और दुष्टदेवों का निवास रहता है। इसका वैज्ञानिक कारण यह भी है कि मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है।
सोते समय हदय पर हाथ रखकर नहीं सोना चाहिए। पैर पर पैर रखकर भी नहीं सोना चाहिए। माथे पर तिलक लगा है तो सोने से पहले उसे साफ कर लें। तिलक लगाकर सोना अच्छा नहीं माना जाता।

Leave A Reply

Your email address will not be published.