रायपुर
रेलवे ने त्योहारों पर हजारों स्पेशल ट्रेने चलाकर यात्रियों की भीड़ कम करने के कई दावे किए थे. लेकिन हकीकत ये है कि ट्रेनों के जनरल डिब्बे में यात्रियों के लिए पैर रखने की जगह नहीं है. आलम ये है कि यात्री ट्रेन के दरवाजे के ऊपर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हो गए है.
बिलासपुर-ओखा ट्रेन आज सोमवार को जब रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंची तो इसमें यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई. ट्रेन के जनरल डिब्बे में पैर रखने की जगह तक नहीं थी. ट्रेन में आलम ये था कि जनरल डिब्बे में यात्री दरवाजे के ऊपर बैठकर और दरवाजे के पास ही एक कपड़ा बांधकर यात्रा करने को मजबूर नजर आए. लेकिन ऐसे यात्रा करने जानलेवा साबित हो सकता है.
सीसीटीवी से निगरानी कर रही आरपीएफ
यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने तथा आपराधिक एवं संदिग्ध गतिविधियों की रोकथाम के क्रम में बिलासपुर रेल मंडल के 10 स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं जिसमें बिलासपुर-105, रायगढ स्टेशन में 32, पेण्ड्रारोड स्टेशन में 16, अनुपपुर स्टेशन में 32, शहडोल स्टेशन में 16, अकलतरा स्टेशन में 12, चॉंपा स्टेशन में 23, कोरबा स्टेशन में 12, अम्बिकापुर में 14 तथा उमरिया स्टेशन में 15 सहित 10 स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये जा चुके हैं . ये सभी सीसीटीवी कैमरे पूरे स्टेशन को कवर करने वाली एचडी प्रकार के तथा चेहरे पहचानने वाले साफ्टवेयर जैसी आधुनिक तकनीकी से लेस हैं.
अतिरिक्त सीसीटीव्ही कैमरे की उपलब्धता से स्टेशनों में अपराध में कमी, यात्रियों तथा उनके सामानों की सुरक्षा में वृद्धि, संदिग्ध गतिविधियों की रोकथाम होगी तथा साक्ष्य संग्रहण करने में आसानी होगी. स्टेशनों में सुव्यवस्थित यातायात बनाने के साथ ही भीड़ का बेहतर प्रबंधन करने में भी सहायता मिलेगी. जिसका सीधा लाभ यात्रियों को सुरक्षित व भयमुक्त यात्रा के रूप में मिलेगा. साथ ही साथ रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले शरारती तत्वों और रेल में अपराध करने वालों पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.