सरकारी अस्पतालों पर भरोसा पर प्रश्न चिन्ह, स्वास्थ्य मंत्री के दावों पर सवाल

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मनेन्द्रगढ़/एमसीबी
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने सरकारी अस्पतालों में लोगों का विश्वास बढ़ाने की आवश्यकता जताई है। हालांकि, जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। मंत्री का दावा है कि ओपीडी और आईपीडी की संख्या में डेढ़ गुना वृद्धि हुई है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस बढ़ोतरी का असल मतलब अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार है या फिर सिर्फ आंकड़ों का खेल मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की गारंटी देने के लिए कानून या मोनोराइट्स के बजाय धीरे धीरे विश्वास अर्जित करना होगा। लेकिन क्या जनता इतनी लंबी प्रक्रिया के इंतजार में है, जब निजी अस्पतालों में त्वरित इलाज के विकल्प मौजूद हैं स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान तब आया है जब प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों की हालत चिंताजनक है।

 इन अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, दवाओं की अनुपलब्धता और डॉक्टरों की लापरवाही की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या सरकारी अस्पतालों में सुधार सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा आश्वासन तो दिए जा रहे हैं, लेकिन असल बदलाव कब दिखेगा, यह एक बड़ा सवाल है।

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