Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Taaja Khabar
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Taaja Khabar
    Home»देश»सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को नए आपराधिक कानून में अपवाद मानने के खिलाफ याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब…
    देश

    सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को नए आपराधिक कानून में अपवाद मानने के खिलाफ याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब…

    By May 18, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को नए आपराधिक कानून में अपवाद मानने के खिलाफ याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब…
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    सुप्रीम कोर्ट ने नए आपराधिक कानून के तहत वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) को अपवाद माने जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

    चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमन एसोसिएशन’ (एआईडीडब्ल्यूए) की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया और कहा कि इसे वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाने की मांग करने वाली अन्य याचिकाओं के साथ जुलाई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। बेंच ने कहा, “यह एक संवैधानिक मुद्दा है। नए कानून के बाद भी यह ज्वलंत रहेगा।”

    सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी, 2023 को भारतीय दंड संहिता के उस प्रावधान के खिलाफ कुछ याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था, जो पत्नी के वयस्क होने पर जबरन यौन संबंध के लिए अभियोजन से पति को सुरक्षा प्रदान करता है।

    क्या है विवाद की वजह

    भारतीय दंड संहिता की धारा 375 में दिए गए अपवाद के तहत, यदि पत्नी नाबालिग नहीं है तो पति द्वारा उसके साथ संभोग या यौन क्रिया किया जाना बलात्कार नहीं माना जाएगा।

    यहां तक ​​कि नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत, धारा 63 (बलात्कार) के अपवाद-2 में स्पष्ट किया गया है कि यदि पत्नी की उम्र 18 साल से कम नहीं है तो पति द्वारा उसके साथ संभोग या यौन क्रिया किया जाना बलात्कार नहीं है।

    बीएनएस के तहत अपवाद के अलावा, एआईडीडब्ल्यूए ने बीएनएस की धारा 67 की संवैधानिकता को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जो अलग हो चुकीं पत्नियों से बलात्कार करने वाले विवाहित पुरुषों के लिए दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान करती है।

    वकील रुचिरा गोयल के माध्यम से दायर की गई याचिका

    वकील रुचिरा गोयल के माध्यम से दायर याचिका में इस आधार पर प्रावधान पर आपत्ति जताई गई है कि संबंधित सजा बलात्कार के मामलों में लागू अनिवार्य न्यूनतम 10 साल की सजा से कम है।

    उन्होंने बीएनएसएस की असंवैधानिक धारा 221 की भी आलोचना की, जो धारा 67 के तहत एक “उदार शासन” की सुविधा प्रदान करती है और अदालत को पत्नी की शिकायत पर अपराध का गठन करने वाले तथ्यों की प्रथम दृष्टया संतुष्टि के बिना अपराध का संज्ञान लेने से रोकती है…”।

    याचिकाकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि वैवाहिक बलात्कार अपवाद संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है क्योंकि यह एक विवाहित महिला की सेक्स के लिए सहमति को नकारता है और एक महिला के व्यक्तित्व की अधीनता के बारे में यौन और लैंगिक रूढ़िवादिता को कायम रखता है।

    याचिका में कहा गया है कि किसी महिला की वैवाहिक स्थिति के लिए उसकी सहमति की कानूनी स्थिति को प्रभावित करने वाले विवादित प्रावधान स्पष्ट रूप से मनमाने हैं।

    बीएनएस की धारा 63 के तहत विवाहित महिलाओं को उनके पति द्वारा किए गए अपराध की शिकायत करने के कानूनी अधिकार से वंचित करने को उचित ठहराने के लिए कोई तय सिद्धांत नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि अपवाद को बनाए रखने के “उद्देश्य” के रूप में विवाह की “संस्था” की सुरक्षा पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और अनुचित है। 

    याचिका में यह भी कहा गया है कि वैवाहिक बलात्कार अपवाद संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और अनुच्छेद 21 के खिलाफ है क्योंकि यह एक विवाहित महिला की शारीरिक अखंडता, निर्णयात्मक स्वायत्तता और गरिमा के अधिकारों को छीन लेता है।  

    बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं में से एक इस मुद्दे पर 11 मई, 2022 के दिल्ली हाईकोर्ट के खंडित फैसले के संबंध में दायर की गई है। यह अपील दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं में से एक महिला द्वारा दायर की गई है।

    वहींं, एक अन्य याचिका एक व्यक्ति ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की है, जिसने उसकी पत्नी के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के लिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने 23 मार्च, 2022 को कहा था कि एक पति को अपनी पत्नी के साथ बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप से छूट देना संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के खिलाफ है।  

    Related Posts

    हिमालय की गोद से प्राप्त शुद्ध जल से निर्मित टेंसबर्ग, दिल्ली के बीयर बाजार में गुणवत्ता की नई क्रांति…

    May 22, 2025

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आरोप: AAP ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया

    February 3, 2025

    ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर लगाया टैरिफ, भारत पर असर की संभावना पर वित्त मंत्री ने दिया बयान

    February 3, 2025

    केंद्र सरकार ने जेंडर बजट में 37.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, 4.49 लाख करोड़ रुपये का हुआ आवंटन

    February 3, 2025

    उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- अवैध प्रवासियों को नहीं झेल सकता देश, युवाओं से की बड़ी अपील

    February 3, 2025

    उत्तर भारत में सक्रिय हुआ पश्चिम विक्षोभ, बारिश का अलर्ट जारी

    February 3, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    रायपुर : कारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री देवांगन ने दिए कड़े निर्देश

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    सैनिक स्कूल शिक्षा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण की नींव: मंत्री रामविचार नेताम

    September 2, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Faraha Niyazi
    मोबाइल - 8889278888
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Royal Garden , LIC Road Kangoli, Jagdalpur - 494001
    September 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    2930  
    « Aug    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.