Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Taaja Khabar
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Taaja Khabar
    Home»राज्य»मध्यप्रदेश»मप्र धार्मिक स्थलों का पानी सबसे प्रदूषित
    मध्यप्रदेश

    मप्र धार्मिक स्थलों का पानी सबसे प्रदूषित

    News DeskBy News DeskDecember 23, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    मप्र धार्मिक स्थलों का पानी सबसे प्रदूषित
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    भोपाल। मप्र को नदियों का मायका कहा जाता है क्योंकि यह एक ऐसा राज्य है जहां 200 से ज्यादा छोटी-बड़ी नदियां बहती हैं. इसके बावजूद दो दर्जन से ज्यादा ऐसी नदियां हैं जो प्रदूषित हो चुकी हैं। इनमें से क्षिप्रा, बेतवा, नर्मदा नदियां तो ऐसी हैं कि इनका पानी पीना तो दूर आचमन करने लायक भी नहीं बचा है। खासकर इन नदियों के किनारे स्थिति धार्मिक स्थलों का पानी सबसे अधिक प्रदूषित इै। इसका खुलासा मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) की रिपोर्ट में हुआ है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार मप्र की 89 नदियां ऐसी हैं, जिनमें सालभर पानी रहता है। एमपीपीसीबी ने इन नदियों के रूट पर 293 स्थानों पर पानी की जांच की। रिपोर्ट में सामने आया कि 197 जगहों का पानी ए-कैटेगरी का है। जबकि 96 स्थानों पर पानी की गुणवत्ता खराब पाई गई। इनमें से 60 से अधिक स्थान धार्मिक स्थलों के पास हैं। यहां का पानी आचमन या स्नान तो छोडि़ए हाथ धोने के लायक भी नहीं है।

    विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट

    विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश की गई एमपीपीसीबी की 2023-24 के वार्षिक प्रतिवेदन में नदियों के पानी की गुणवत्ता की वार्षिक औसत स्थिति के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट में इंदौर की कान्ह (खान) नदी को सबसे प्रदूषित बताया गया है। उज्जैन की क्षिप्रा नदी की स्थिति भी खराब है। देवास की छोटी कालीसिंध नदी सूखने से उसकी जांच नहीं हो सकी। एमपीपीसीबी ने 5 कैटेगरी में गुणवत्ता जांची है। ए-कैटेगरी का पानी रोगाणु मुक्त होता है। इसे बिना किसी परंपरागत उपचार के सीधे पीने के है। बी-कैटेगरी में रोगाणु (जैसे बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीव) पाए जाते हैं। यह धुलाई या सफाई के लिए उपयुक्त है। सी-कैटेगरी के पानी में अतिरिक्त हैवी मेटल और अन्य प्रदूषक तत्व होते हैं। डी-कैटेगरी के पानी का रंग पूरी तरह काला हो जाता है। ई-कैटेगरी के पानी उद्योगों से निकले अपशिष्ट या अत्यधिक घातक प्रदूषण से प्रभावित होता है।

    इन घाटों पर प्रदूषित पानी

    एमपीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार कान्ह सबसे ज्यादा प्रदूषित नहीं है। वहीं चंबल का पानी भी डी-कैटेगरी का है। बेतवा नदी में मंडीदीप के अपस्ट्रीम और नयापुरा डाउनस्ट्रीम पर पानी सी- कैटेगरी का है। यह पानी नहाने के योग्य भी नहीं है। भोजपुर मंदिर ब्रिज और विदिशा के चरणतीर्थ घाट पर भी पानी बी-कैटेगरी का है। चंबल नदी में उज्जैन के जूनानागदा, इटलावदा, गीदघर में पानी डी-कैटेगरी का है। राजगढ़, ताल रोड ब्रिज के पास पानी सी-कैटेगरी का है। क्षिप्रा नदी में देवास के एबी रोड जलप्रदाय केंद्र पर पानी ए-कैटेगरी का है। हवनखेड़ी नागदमन से पानी डी-कैटेगरी में आ जाता है।

    उज्जैन के गोघाट, रामघाट, सिद्धवटघाट से महिदपुर तक पानी काला और डी-कैटेगरी का है। मंदाकिनी नदी में चित्रकूट में उद्गम स्थल पर पानी ए-कैटेगरी का है। स्फटिक शिला से रामघाट तक पानी बी-कैटेगरी का है। कान्ह (खान) नदी मेें इंदौर के लीम्बोडी शिवधाम में पानी डी-कैटेगरी का है। कमला नेहरू पार्क, अहिल्या आश्रम, खाटीपुरा, और धान खेड़ी में पानी ई-कैटेगरी का है। क्षिप्रा से मिलने से पहले रामवासा में पानी डी-कैटेगरी का है। नर्मदा नदी में अमरकंटक के पास पुष्पकर डैम, कपिलधारा, और बुदनी क्षेत्र में पानी बी-कैटेगरी का है। पार्वती नदी में सीहोर में पानी बी-कैटेगरी का है, लेकिन जिले से बाहर निकलते ही ए-कैटेगरी का हो जाता है।

    शिवना नदी में मंदसौर में रामघाट पर पानी ए-कैटेगरी का है। लेकिन पशुपतिनाथ मंदिर के पास पानी सी- केटेगरी का है। तमसा (टोंस) नदी में सतना के बरधिया घाट पर पानी बी-कैटेगरी का है, जबकि रीवा में ए-कैटेगरी का है।

    News Desk

    Related Posts

    रायपुर : कारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री देवांगन ने दिए कड़े निर्देश

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    सैनिक स्कूल शिक्षा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण की नींव: मंत्री रामविचार नेताम

    September 2, 2025

    रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की

    September 2, 2025

    बाढ़ प्रभावितों का हाल जानने उनके बीच पहुँचे मुख्यमंत्री साय: अधिकारियों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

    September 2, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    रायपुर : कारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री देवांगन ने दिए कड़े निर्देश

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    सैनिक स्कूल शिक्षा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण की नींव: मंत्री रामविचार नेताम

    September 2, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Faraha Niyazi
    मोबाइल - 8889278888
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Royal Garden , LIC Road Kangoli, Jagdalpur - 494001
    September 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    2930  
    « Aug    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.