Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Taaja Khabar
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Taaja Khabar
    Home»विदेश»जयशंकर के दोबारा विदेश मंत्री बनने से क्यों घबराया चीन? बोला- उनका एटीट्यूड नहीं बदला तो…
    विदेश

    जयशंकर के दोबारा विदेश मंत्री बनने से क्यों घबराया चीन? बोला- उनका एटीट्यूड नहीं बदला तो…

    By June 14, 2024No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    जयशंकर के दोबारा विदेश मंत्री बनने से क्यों घबराया चीन? बोला- उनका एटीट्यूड नहीं बदला तो…
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    एस. जयशंकर ने हाल ही में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाला। हालांकि विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर का दोबारा पद संभालना चीन को पसंद नहीं आ रहा है।

    चीन के कई एक्सपर्ट इस बात से घबराए हुए हैं कि अब भारत का रुख चीन को लेकर नहीं बदलेगा क्योंकि जयशंकर विदेश मंत्रालय की कुर्सी पर फिर से बैठ गए हैं।

    गौरतलब है कि 69 वर्षीय जयशंकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पिछली सरकार में संभाले गए मंत्रालयों की ही जिम्मेदारी दी गई है।

    चीन के सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ अखबार ने जयशंकर को लेकर तमाम विशेषज्ञों की राय छापी है।

    इसने अपनी खबर में लिखा है कि जयशंकर के दोबारा पद संभालने के साथ चीनी विशेषज्ञों को भारत की विदेश नीति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद नहीं है।

    उन्होंने आग्रह करते हुए कहा है कि भारत से उम्मीद है कि वह चीन-भारत संबंधों पर सकारात्मक संकेत भेजेगा और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाएगा।

    “भारत ने घरेलू नीतियों में चीन विरोधी कई कदम उठाए”

    मंगलवार को चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को उनके नए कार्यकाल पर बधाई संदेश भेजा था। उन्होंने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।

    चीनी प्रधानमंत्री का संदेश उसी दिन भेजा गया जिस दिन जयशंकर ने लगातार दूसरी बार भारत के विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाला।

    उस दिन जयशंकर ने भारतीय पत्रकारों से कहा कि चीन के संबंध में भारत का ध्यान सीमा पर शेष मुद्दों को हल करने पर रहेगा।

    अखबार के मुताबिक, चीनी विश्लेषकों ने बताया कि जयशंकर कई मौकों पर चीन के साथ बचे हुए सीमा मुद्दों के समाधान के लिए भारत की इच्छा को सकारात्मक रुख के साथ दोहराते रहे हैं, हालांकि इस मुद्दे को लेकर उनका लगातार अतिशयोक्तिपूर्ण रवैया कूटनीतिक संबंधों में लगातार बाधा डालता है।

    सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के प्रोफेसर लॉन्ग जिंगचुन ने बुधवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया, “चीन और भारत के बीच सीमा विवाद कोई हालिया मुद्दा नहीं है, बल्कि दशकों से मौजूद है।” उन्होंने कहा, “हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने घरेलू नीतियों में चीन विरोधी कई कदम उठाए हैं, जिनमें चीनी कंपनियों का दमन करना, वीजा सस्पेंड करना और लोगों के बीच आदान-प्रदान को सख्ती से दबाना शामिल है। यह पूरी तरह से नकारात्मक रवैया दर्शाता है।”

    भारत की विदेश नीति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं

    चीन के विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में भारत की विदेश नीति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। इसके लिए वे विदेश मंत्री जयशंकर को भी जिम्मेदार मानते हैं।

    उनका कहना है कि पीएम मोदी ने अपने नए प्रशासन में बड़े पैमाने पर उन्हीं वरिष्ठ अधिकारियों को बनाए रखा है जो पहले भी थे। पिछले पांच वर्षों में, भारत ने चीन के प्रति एक कठोर कूटनीतिक रुख अपनाया है। हालांकि चीन इसके पीछे अमेरिका को भी एक वजह मानता है।

    अखबार ने आगे लिखा, “अभी तक, हमने चीन-भारत संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारत की ओर से कोई सक्रिय और व्यावहारिक इच्छा नहीं देखी है।”

    ग्लोबल टाइम्स ने चीन की तारीफ करते हुए कहा कि भारत के विपरीत चीन ने संबंध सुधारने के लिए लगातार सकारात्मक संकेत भेजा है।

    एक चीनी एक्सपर्ट ने कहा, “भारत से आग्रह है कि वह द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में चीन के साथ मिलकर काम करे और तालमेल बनाए।” उन्होंने कहा कि अगर विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर ने अपना एटीट्यूड (रवैया) नहीं बदला, तो चीन भी जवाबी कदम उठा सकता है। 

    “पड़ोसी प्रथम” नीति से चीन तो ऐतराज

    जयशंकर ने पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की “पड़ोसी प्रथम” विदेश नीति के महत्व का जिक्र किया था। हालांकि चीनी एक्सपर्ट इसे अलग ही नजरिए से देखते हैं।

    उन्होंने कहा कि भारत एक तरफ पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देता है लेकिन उनमें से कई के प्रति सम्मान नहीं दिखाता है। हालांकि चीनी विशेषज्ञ भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ प्रगाढ़ होते संबंधों का जिक्र करना भूल गए। भारत कई मौकों पर आपदा के समय हमेशा अपने पड़ोसियों को सबसे पहले मदद भेजने वाला देश रहा है।

    राजनयिक से नेता बने एस. जयशंकर ने विदेश मंत्री के रूप में मंगलवार को अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने पर कहा कि ‘‘भारत प्रथम’’ और ‘‘वसुधैव कुटुंबकम’’ देश की विदेश नीति के दो मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।

    उन्होंने कहा कि नयी सरकार का जोर, टकरावों और तनावों का सामना कर रहे विभाजित विश्व में भारत को ‘‘विश्व बंधु’’ बनाने पर होगा।

    जयशंकर ने कहा, ‘‘भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निश्चित रूप से मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने हमें जो दो सिद्धांत दिए हैं – भारत प्रथम और वसुधैव कुटुंबकम – वे भारतीय विदेश नीति के दो मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर एक अशांत, विभाजित विश्व में, संघर्षों और तनावों से भरी दुनिया में विश्व बंधु के रूप में खुद को स्थापित करेंगे।’’

    बहुत दमदार रहा जयशंकर का अब तक का सफर

    विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 2019 से कार्यभार संभालने वाले जयशंकर ने वैश्विक मंच पर कई जटिल मुद्दों को लेकर भारत के रुख को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की अपनी क्षमता का आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन किया है।

    जयशंकर ने यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पश्चिमी देशों की आलोचना को निष्प्रभावी करने से लेकर चीन से निपटने के लिए एक दृढ़ नीति- दृष्टिकोण तैयार करने तक प्रधानमंत्री मोदी की पिछली सरकार में अच्छा काम करने वाले अग्रणी मंत्रियों में से एक के रूप में उभरे।

    उन्हें विदेश नीति के मामलों को खासकर भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान घरेलू पटल पर विमर्श के लिए लाने का श्रेय भी दिया जाता है।

    वर्तमान में जयशंकर गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं। जयशंकर ने (2015-18) तक भारत के विदेश सचिव, अमेरिका में राजदूत (2013-15), चीन में (2009-2013) और चेक गणराज्य में राजदूत (2000-2004) के रूप में कार्य किया है।

    वह सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त (2007-2009) भी रहे। जयशंकर ने मॉस्को, कोलंबो, बुडापेस्ट और तोक्यो के दूतावासों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय में अन्य राजनयिक पदों पर भी काम किया है।

    The post जयशंकर के दोबारा विदेश मंत्री बनने से क्यों घबराया चीन? बोला- उनका एटीट्यूड नहीं बदला तो… appeared first on .

    Related Posts

    पाकिस्तान के खैबर प्रांत में सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला, 13 सैनिकों की मौत, 29 घायल

    June 28, 2025

    टैरिफ पर ट्रंप ने लिया यू-टर्न, स्मार्टफोन और लैपटॉप को टैरिफ से दी छूट

    April 13, 2025

    ट्रंप की धमकी से पनामा सेहमा, चीन की BRI परियोजना को आगे न बढ़ाने का किया ऐलान

    February 3, 2025

    US Plane Crash: शवों की संख्या बढ़ी, राहत और बचाव कार्य में जुटे अधिकारी

    February 3, 2025

    मोहम्मद यूनुस का बयान: “हिंदू समुदाय के त्योहारों में शामिल होने की आवश्यकता

    February 3, 2025

    3 दिन में 200 से ज्यादा भूकंप के झटके, ग्रीस में बड़ी तबाही का खतरा

    February 3, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    रायपुर : कारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री देवांगन ने दिए कड़े निर्देश

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    रायपुर : महिलाओं और बच्चों को मिले आंगनबाड़ी की सभी सेवाओं का लाभ : महिला एवं बाल विकास सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी

    September 2, 2025

    सैनिक स्कूल शिक्षा, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण की नींव: मंत्री रामविचार नेताम

    September 2, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Faraha Niyazi
    मोबाइल - 8889278888
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Royal Garden , LIC Road Kangoli, Jagdalpur - 494001
    September 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    2930  
    « Aug    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.